वो अपने मां-बाप की लाडली थी. बडे़ लाड-प्यार से पाला था उसे..उन्होंने और डॉक्टर बनाने का सपना देखा था. खुद के लिए खाने को नहीं था लेकिन फिर भी बेटी को पढाया और इस काबिल बनाया कि वो उनका नाम रौशन करे. इससे पहले कि वो अपने मां-बाप का नाम रौशन करती..
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