Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. You Are At:
  2. News
  3. Lifestyle
  4. People
  5. Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: Former Indian PM was a magician with pen, his poems are proof

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: Former Indian PM was a magician with pen, his poems are proof

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: It has been two years since the BJP stalwart took his last breath. A meaningful politician, an orator par-excellence, his contribution to literature was tremendous. Let's remember the former Indian prime minister with some of his couplets.

Written by: India TV Lifestyle Desk New Delhi Published on: August 16, 2020 12:23 IST
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: Former Indian PM was a magician with pen, his poems are proo
Image Source : PTI

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: Former Indian PM was a magician with pen, his poems are proof

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: Born on December 25, 1924, in Madhya Pradesh's Gwalior, Vajpayee was the first leader from the Bharatiya Janata Party to become the Prime Minister. The politician passed away two years ago and what left behind were only memories in the form of his writings, poems, quotes, recorded speeches, etc. He was not just the former Indian prime minister, he marked his presence in various other spheres of life, including the hearts of people. He was a magician with his words and the poems he wrote are still remembered by the poetry lovers. Have a look at his contribution to the field of literature through some of his best works.

दो अनुभूतियां

-पहली अनुभूति

बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं 

टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं

गीत नहीं गाता हूं

लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर
अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं
गीत नहीं गाता हूं

पीठ मे छुरी सा चांद, राहू गया रेखा फांद
मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूं
गीत नहीं गाता हूं

-दूसरी अनुभूति

गीत नया गाता हूं

टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर
पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात

प्राची मे अरुणिम की रेख देख पता हूं
गीत नया गाता हूं

टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी
अन्तर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा,

काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूं
गीत नया गाता हूं

कदम मिलाकर चलना होगा

बाधाएं आती हैं आएं
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
निज हाथों में हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा.
कदम मिलाकर चलना होगा.

हास्य-रूदन में, तूफानों में,
अगर असंख्यक बलिदानों में,
उद्यानों में, वीरानों में,
अपमानों में, सम्मानों में,
उन्नत मस्तक, उभरा सीना,
पीड़ाओं में पलना होगा.
कदम मिलाकर चलना होगा.

उजियारे में, अंधकार में,
कल कहार में, बीच धार में,
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में,
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को ढलना होगा.
कदम मिलाकर चलना होगा.

सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ,
प्रगति चिरंतन कैसा इति अब,
सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ,
असफल, सफल समान मनोरथ,
सब कुछ देकर कुछ न मांगते,
पावस बनकर ढलना होगा.
कदम मिलाकर चलना होगा.

कुछ कांटों से सज्जित जीवन,
प्रखर प्यार से वंचित यौवन,
नीरवता से मुखरित मधुबन,
परहित अर्पित अपना तन-मन,
जीवन को शत-शत आहुति में,
जलना होगा, गलना होगा.

एक बरस बीत गया  

सीकचों मे सिमटा जग 
किंतु विकल प्राण विहग 
धरती से अम्बर तक 
गूंज मुक्ति गीत गया 
एक बरस बीत गया 
 
पथ निहारते नयन 
गिनते दिन पल छिन 
लौट कभी आएगा 
मन का जो मीत गया 
एक बरस बीत गया

मनाली मत जइयो

मनाली मत जइयो, गोरी 
राजा के राज में. 

जइयो तो जइयो, 
उड़िके मत जइयो, 
अधर में लटकीहौ, 
वायुदूत के जहाज़ में. 

जइयो तो जइयो, 
सन्देसा न पइयो, 
टेलिफोन बिगड़े हैं, 
मिर्धा महाराज में. 

जइयो तो जइयो, 
मशाल ले के जइयो, 
बिजुरी भइ बैरिन 
अंधेरिया रात में. 

जइयो तो जइयो, 
त्रिशूल बांध जइयो, 
मिलेंगे ख़ालिस्तानी, 
राजीव के राज में. 

मनाली तो जइहो. 
सुरग सुख पइहों. 
दुख नीको लागे, मोहे 
राजा के राज में.

For all latest news and updates, stay tuned to our Facebook page

More Bollywood stories and picture galleries

Advertisement

Read all the Breaking News Live on indiatvnews.com and Get Latest English News & Updates from Lifestyle and People Section

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement