Ai Mere Watan Ke Logon completes 50 years
New Delhi, Jan 25: The year 1963. Date: January 27. Venue: A Republic Day gathering at Delhi's National Stadium. As India's nightingale Lata Mangeshkar began singing the song “Ae Mere Watan Ke Logon” to the
The song:
ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर, वीरों ने है प्राण गंवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो, जो लौट के घर न आये
ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुरबानी ll
जब घायल हुआ हिमालय, खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी सांस लड़े वो, फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा, सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुरबानी ll
जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो आपने, थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुरबानी ll
कोई सिख कोई जाट मराठा, कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला, हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर, वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुरबानी ll
थी खून से लथ-पथ काया, फिर भी बंदूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा, फिर गिर गये होश गंवा के
जब अन्त-समय आया तो, कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों, अब हम तो सफर करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने, क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुरबानी ll
तुम भूल न जाओ उनको, इस लिये कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुरबानी ll
जय हिन्द, जय हिन्द की सेना
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द !!