क्या कूल है हम 3
उमेश घड़गे के निर्देशन में बनी फिल्म 'क्या कूल है हम-3' शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। फिल्म के ट्रेलर को देखकर की ही यह अंदाजा लगा लिया गया था कि इसमें सेक्स कॉमेडी के नाम पर केवल फूहड़ता परोसी गई है। बॉलीवुड में जब अलग-अलग जॉनर की फिल्में बन रही हैं और इन फिल्मों को पसंद करने वाले दर्शकों की भी कमी है ऐसे में यह फिल्म चौंकाती है। इस फिल्म में फूहड़ता किस हद तक पहुंचती है इसका अंदाजा तो आपको फिल्म देखने के बाद लग ही जाएगा।
फिल्म की कहानी के बारे में अगर बात की जाए तो इसमें कुछ भी लॉजिकल नजर नहीं आया। तुषार कपूर और आफताब शिवदासानी थाईलैंड में पोर्न फिल्मों के स्टार हैं, जो अपना काम छोड़कर अपने दोस्त के कृष्णा अभिषेक के पास आ जाते हैं। उनका दोस्त सेक्स फिल्मों का निर्माता-निर्देशक है। इसके कुछ देर बाद ही फिल्म में एंट्री होती है मंदना करीमी (करजात्या) की जो एक संस्कारी परिवार से हैं। मंदना को देखते ही तुषार को उनसे प्यार हो जाता है। लेकिन मंदना चाहती हैं कि तुषार उनके पिता को प्रभावित करें। इसके बाद सभी पॉर्न स्टार्स की एंट्री होती है जो तुषार का परिवार बन उनकी सहायता करने आते हैं और फिर शुरु होता है फूहड़ ड्रामा। फिल्म के हर सीन में वहीं पुराने नॉनवेज जोक्स से दर्शकों को हंसाने की कोशिश की गई है।
फिल्म का ट्रेलर देखने का बाद इससे जैसी उम्मीद की जा रही थी फिल्म की भी वैसी ही है। बिना सर पैर की डायलॉगबाजी और फूहड़ कॉमेडी के अलावा फिल्म में कुछ भी देखने को नहीं मिलेगा। अभिनय की बात की जाए को मंदना करीमी और जिजेल ठकराल और क्लॉडिया सिएसला केवल अंग प्रदर्शन के अवाला और कुछ खास करती हुई नजर आ रहीं। फिल्म में आफताब और अभिषेक का अभिनय भी ठीक-ठीक सा ही है। फिल्म का म्यूजिक साजिद-वाजिद ने दिया है जिसे देखकर लगता है कि इन्हें फिल्म में जबरदस्ती डाला गया है। फिल्म के गानों के लिरिक्स भी काफी डबल मिनिंग वाले हैं। फिल्म को हॉल पर देखकर शर्मिंदा होने से अच्छा है आप घर बैठ अपने पैसे बचा लें।